Gautam Buddha Inspirational Story

Gautam Buddha Inspirational Story: सबसे बड़ी ताकत पहले से तुम्हारे पास है। गौतम बुद्ध की प्रेरणादायक कहानी

Gautam Buddha Inspirational Story: सबसे बड़ी ताकत पहले से तुम्हारे पास है

कहानी शुरू होती है जब गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ लंबा सफर तय करके एक सुंदर गांव पहुंचे। गौतम बुद्ध ने कुछ दिन उसी गांव में रुकने का निश्चय किया।

गौतम बुद्ध के आने का समाचार गांव में आग की तरह फैलने लगा, और कुछ ही देर में गौतम बुद्ध केआसपास लोगों इकट्ठा होने लगे, और जमावट बढ़ने लगा। लोग कई तरह की समस्या लेकर वहां आने लगे तभी एक बुजुर्ग रोते हुए गौतम बुद्ध के पास आए।

और कहा है “तथागत ” मेरा बेटा कुछ काम नहीं करता, गरीबी और कठिनाइयों के लिए ईश्वर को दिन-रात कोसता रहता है, जब मैं समझाता हूँ तो, मुझसे ही बहस करने लगता है। और घर का माहौल खराब हो जाता है,” तथागत “में जानता हूं की वह अपना नुकसान कर रहा है लेकिन मुझे समझ नहीं आता की मैं उसे सही रास्ते पर कैसे लाऊं।

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गौतम बुद्ध, मुस्कुराए और बुजुर्ग व्यक्ति से बोले आप कोई बहाना बनाकर अपनी बेटा को मेरे पास ले आइए।

बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा तथागत मेरा बेटा किसी की बात नहीं सुनता सबसे बहस करता है ,मुझे डर है कहीं वो आपको भी कोई गलत बात ना कह दे।

बुद्ध मुस्कुराए और बोले, चिंता मत करो तुम बस उससे कहना की मैं उसकी सारी समस्याओं का समाधान कर दूंगा।

गौतम बुद्ध की बात सुनकर ,कुछ लोग बुजुर्ग के साथ उसके बेटे को बुलाने के लिए चल पडे।

दोपहर का समय था , लड़का अपने कमरे में सो रहा था, घर पहुंचते ही सबने उसे जगाया और उसे समझाना शुरू किया लेकिन लड़का साथ चलने को तैयार नहीं हुआ, वह बस एक ही बात दोहरता रहता की, “सारे साधु पाखंडी और नकली होते हैं” मैं इनकी बातों में आने वाला नहीं। लेकिन जब गांव वालों ने उसे बताया की बुद्ध उसकी हर परेशानी का समाधान कर देंगे तब जाकर वह गौतम बुद्ध से मिलने को राजी हुआ।

अपने बेटे को लेकर जब ” बुजुर्ग व्यक्ति” ने गौतम बुद्ध के पास पहुंचे तो लड़का बुद्ध को उल्टा बोलने लगा, किस बात के लिए आपने मुझे ,यहां बुलाया? अगर आप यह चाहते हो की मैं ईश्वर को कोसना बंद करदु , तो मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा ,क्योंकि ईश्वर ने मुझे इस बेकार शरीर के अलावा दीया ही क्या है ? धन जो शरीर के लिए जरूरी है वह तो मुझे मिला ही नहीं, अगर आप मेरी धन की समस्या खत्म कर सके तो ठीक है, नहीं तो अपना बेरिया बिस्तर समेटिये और आगे बढिए।

लड़के की बातें सुनकर गौतम बुद्ध मुस्कुराने लगे, और बोले ” मेरी दोस्त” मैं तुमसे ईश्वर की कोई बात नहीं करता, लेकिन याद रखो की व्यक्ति के सुख और दुख का कारण उसके कर्म ही होते हैं, इसलिए किसी और को कोसने की बजाय अगर तुम मेहनत करोगे, तो तुम्हारा जीवन आसान हो जाएगा।

गौतम बुद्ध की बात सुनकर वह लड़का आग बबूला हो गया और कहने लगा, मुझे आपके भाषण से तो नींद आ रही है, इससे तो अच्छा मैं घर में सो रहा था। मैं यहां सिर्फ आप से मदद के लिए आया हूं अगर आप मेरी समस्या हल कर सकते हैं तो कहे, नहीं तो गांव से चले जाइये।

गौतम बुद्ध थोड़ी देर शांत रहे और समझ गए की यह लड़का बहत अड़ियल किस्म का है। गौतम बुद्ध उस नौजवान से बोले मैं एक राजा को जानता हूं और तुम्हें उससे धन दिलवा सकता हूं, जिससे ना तुम केवल व्यापार वगैरा कर सको बल्कि इतना धन मिलेगा की तुम अमीर बन जाओगे,लेकिन बदले में तुम्हें भी उसे कुछ देना होगा।

वह लड़का बोला मैं राजा को क्या दे सकता हूं ? मेरे पास तो कुछ भी नहीं है ।

गौतम बुद्ध ने कहा,राजा का एक पुत्र है, जो जन्म से ही नेत्रहीन है। राज वैदि ने कहा है की, अगर राजकुमार को किसी जीवित व्यक्ति की आंखें मिल जाए तब वो ठीक हो सकता है,अगर तुम अपनी दोनों आंखे राजकुमार को दे दो तो राजा तुम्हें तुम्हारी वजन के बराबर सोने के सिक्के देंगे। फिर तुम अपना जीवन आराम से बिता सकते हो।

यह सुनते ही डर के कारण लड़के ने आंखों पर हाथ रख लिए और जोर से कहा यह आप क्या बोल रहे हैं ? जीते जी कोई अपनी आंखें कैसे दे सकता है कोई कितना भी धन क्यों ना दे , मैं अपनी आंखें नहीं दे सकता।

गौतम बुद्ध बोले, कोई बात नहीं दो नहीं तो सिर्फ एक ही आंख दे दो फिर भी मैं तुम्हें तुम्हारी वजन के बराबर सोने के सिक्के दिलवा दूंगा।

वह लड़का फिर जमकर बोला ,आप यह कैसी बातें कर रहे हैं ,मुझे सोने का चाहे जितने सिक्के मिल जाए मैं अपनी एक भी आंख नहीं दे सकता। मेरी आंखें अनमोल है।

गौतम बुद्ध ने कहा अगर तुमको और धन चाहिए तो बोलो राजा मना नहीं करेगा, तो लड़का बोला मेरी आंखें अमूल्य है कृपया आप यह कहना बंद कर दें। मुझे किसी भी कीमत पर अपनी आंखें नहीं बेचनी।

लड़के की बात सुनकर गौतम बुद्ध ने कहा मेरे प्यारे दोस्त, अभी कुछ समय पहले ही तुम अपने शरीर को बेकार कहके कोस रहे थे, और अब तुम कह रहे हो की तुम्हारी आंखें अनमोल है। आंखें तुम्हारी शरीर का छोटा सा हिस्सा है अगर तुम्हारी आंखें अनमोल है , तो तुम्हारा शरीर कैसे बेकार हो सकता है? अगर शरीर तुम्हें अनमोल लगता है तो तुम्हारी बुद्धि की क्या कीमत है, अगर यह सब अनमोल है तो जीवन शक्ति जो तुम्हें जिंदा रखे हुए हैं उसकी क्या कीमत है? सबसे बड़ी ताकत पहले से तुम्हारे पास है, गौतम बुद्ध के शब्द सुनकर उस लड़के की आंखों में आंसू आ गए ,वो तथागत के चरणों में गिर के रोने लगा फिर कहा मैंने बहुत बार कोशिश की लेकिन मैं कुछ कर नहीं सका , इसलिए मैं इतना हताश और कड़वा हो गया।

बुद्ध ने लडके को उठाया और कहा मेरे दोस्त , इंसान का जन्म बहुत कीमती है, केवल इंसान के पास ही इतना विवेक होता है की वो सही गलत में अंतर कर सकता है, ताकतवर पशु पक्षियों में भी यह स्वतंत्रता नहीं है।

इसलिए अपने शब्दों की ताकत को पहचानो और किस्मत को कोसना बंद करो। जब सर पर परेशानी आती है तो हम सब नकारात्मक हो जाते हैं और भूल जाते हैं की हमारे पास कितनी सारी कीमती योग्यताएं हैं ।

गौतम बुद्ध कहते हैं की बनाने और मिटाने दोनों की शक्ति हमारी शब्दों में है ,जब शब्द सच्चाई और दया से भरे होते हैं तो पूरी दुनिया को बदल सकते हे। इसलिए गौतम बुद्ध आगे कहते है की ,अपनी जुबान को अच्छे शब्द सिखाओ अपने मन को अच्छे विचार सिखाओ, आंख, कान, नाक, सबको प्रशिक्षित करो। इंद्रियां बहुत अच्छी दोस्त बन सकती है । यह हमको दुखों से पार ले जाएगी और जो चाहे हम प्राप्त कर सकेंगे। यह सब हम ध्यान, योग, प्राणायाम, विपश्यना से सीख सकते हैं ।

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